अगर इन 10 बैंकों में है खाता, तो कल से हो सकते हैं चेकबुक, लोन, डेबिट-क्रेडिट कार्ड सहित ये तमाम बदलाव

लॉकडाउन के बीच एक अप्रैल 2020 को 10 बैंकों का विलय होने जा रहा है, जिसके बाद यह चार बैंक में बदल जाएंगे। विलय के बाद 10 बैंकों के नाम में भी बदलाव हो जाएगा। ऐसे में सवाल ये उठता है कि इससे ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा।

जिन ग्राहकों ने इन बैंकों से लोन लिया है, उनके मन में यह सवाल है कि उनकी ईएमआई में कोई बदलाव होगा या नहीं, खाता नंबर, डेबिट-क्रेडिट कार्ड, चेकबुक का क्या होगा, एफडी पर ब्याज कहीं कम तो नहीं हो जाएगा, बैंक ब्रांच वही रहेगी या बदल जाएगी, आईएफएससी कोड का क्या होगा, आदि। सबसे पहले ये जानते हैं कि किन बैंकों का विलय होने जा रहा है।


  • बैंक 1: यूनियन बैंक ऑफ इंडिया + कॉरपोरेशन बैंक + आंध्रा बैंक

  • बैंक 2: इंडियन बैंक + इलाहाबाद बैंक

  • बैंक 3: यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया + ओरियंटल बैंक ऑफ इंडिया + पंजाब नेशनल बैंक

  • बैंक 4: केनरा बैंक + सिंडिकेट बैंक


आइए अब जानते हैं इससे ग्राहकों की चेकबुक, लोन, एफडी, आरडी, डेबिट-क्रेडिट कार्ड, खाता नंबर, आदि का क्या होगा।


बैंक खातों पर इसका क्या असर होगा?
बैंकों के विलय का सीधा असर बचत खाता, चालू खाता और अन्य तरह के खातों पर होगा। विलय की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद इन खाताधारकों को बैंक जाकर अपनी मौजूदा पासबुक को नई पासबुक से बदलवाना होगा। सरकार ने विलय में शामिल सभी बैंकों को इस बात को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि विलय प्रक्रिया के दौरान बैंकिंग सेवाओं में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।


क्या बैंकों के अकाउंट नंबर बदल जाएंगे?
विलय होने वाले बैंकों के अकाउंट नंबर में अगर बराबर अंक रहे तो अकाउंट नंबर शायद नहीं बदले। लेकिन खाता नंबरों के अंकों की संख्या में फर्क होने पर उनमें निश्चित रूप से बदलाव होगा।


क्या ब्रांच भी बदल जाएंगी?
विलय प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसमें शामिल बैंकों में से किसी एक बैंक की ब्रांच किसी इलाके में एक से ज्यादा पाई जाती हैं तो कुछ ब्रांच बंद हो सकती हैं। वहीं अगर बैंकों की एक शहर में आसपास ब्रांच हैं तो उन्हें भी मर्ज किया जाएगा।


पुरानी चेकबुक का क्या होगा?
विलय प्रक्रिया के बाद इसमें शामिल 10 में से 6 बैंकों के नाम बदल जाएंगे और पुराने बैंक के नाम वाली चेकबुक भी निरस्त हो जाएगी। उसकी जगह पर नई चेकबुक जारी की जाएगी। हालांकि ऐसा करने के लिए छह महीने का वक्त दिया जाएगा।


क्या बैंक का IFSC भी बदलेगा?
विलय होने वाले बैंकों की अलग-अलग ब्रांचों के IFSC (इंडियन फाइनेंशियल सिस्टम कोड) नंबर तुरंत प्रभावित तो नहीं होंगे, लेकिन विलय प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात उनमें निश्चित रूप से बदलाव होगा और वे पूरी तरह बदल जाएंगे।


पुराने डेबिट और क्रेडिट कार्ड का क्या होगा?
विलय में शामिल अलग-अलग बैंकों की ओर से ग्राहकों को जारी डेबिट और क्रेडिट कार्ड पर इस प्रक्रिया का कोई असर नहीं होगा और वे पहले की तरह काम करते रहेंगे। हालांकि एकीकृत बैंक चाहें तो नई ब्रांडिंग के तहत ग्राहकों को नए डेबिट और क्रेडिट कार्ड जारी कर सकते हैं। 


एफडी और आरडी पर क्या असर पड़ेगा?
बैंकों के एकीकरण का असर उनके द्वारा विभिन्न जमा योजनाओं पर दी जा रही ब्याज दर पर भी पड़ेगा। विलय से पहले के ग्राहकों की एफडी-आरडी ब्याज दरों पर तो फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन नए ग्राहकों के लिए ब्याज दरें एकीकरण के बाद बने बैंक वाली और एक जैसी होंगी। 


क्या ऋण दरों में किसी तरह का बदलाव होगा?
ब्याज दरों की तरह ही पहले से चल रहे विभिन्न तरह के लोन जैसे होम लोन, व्हीकल लोन, एजुकेशन लोन, पर्सनल लोन और गोल्ड लोन की पुरानी दरों में कोई बदलाव नहीं होगा।


क्या बैंक डिटेल्स अलग-अलग जगह पर अपडेट कराना होगी? 
विलय से प्रभावित होने वाले बैंक के ग्राहकों को अपने नए अकाउंट नंबर और IFSC की डिटेल्स इनकम टैक्स, इंश्योरंस कंपनी, म्यूचुअल फंड सहित सभी जगह अपडेट करना होंगी। एसआईपी और ईएमआई में भी ब्योरा अपडेट करना होगा।

बैंकों ने इनमें से क्या बदलाव किए हैं, इसकी सूचना वे ग्राहकों को दे देंगे।